Wednesday, 30 December 2015

जनवरी के शुरू में नये शहरी क्षेत्र की पहल के तहत 20 स्‍मार्ट सिटी की घोषणा 2015 में श‍हरी नियोजन और विकास की नई बुनियाद बुनियादी शहरी ढांचे और आवासीय सुविधा में 42,000 करोड़ रूपये से ज्‍यादा निवेश को मंजूरी शहरों के बीच स्‍पर्धा और अंतराल के विश्‍लेषण पर आधारित व्‍यापक योजना के तहत निश्चित संसाधन राशि तय


2015 में श‍हरी नियोजन और विकास की नई बुनियाद बुनियादी शहरी ढांचे और आवासीय सुविधा में 42,000 करोड़ रूपये से ज्‍यादा निवेश को मंजूरी

शहरों के बीच स्‍पर्धा और अंतराल के विश्‍लेषण पर आधारित व्‍यापक योजना के तहत निश्चित संसाधन राशि तय


शहरी विकाश मंत्रालय 30 दिसम्बर 2015
प्रिय पाठक करंट अफेयर की कङी में पढिये .......

नया साल 2016 देश में श‍हरी विकास के इतिहास में अभू‍तपूर्व अध्‍याय जोड़ेगा, क्योंकि नये साल की शुरूआत में 20 स्‍मार्ट सिटी की पहली घोषणा हो रही है। इसके अलावा, इस साल नये शहरी मिशन के तहत केन्‍द्र सरकार कई नई पहल को भी मूर्त रूप देने जा रही है।

दूसरे चरण में सिटी चैलेंज के तहत 97 शहरों को स्‍मार्ट सिटी में बदलने का आकलन किया जाएगा। इस पर पहले ही प्रतियोगिता के तहत कामकाज जोरों पर है। इस तरह शहरों के बीच प्रतिस्‍पर्धा को शीघ्र ही सर्वोच्‍च वरीयता देते हुए इसके नतीजों की घोषणा की जाएगी। यह अपनी तरह का पहला आवंटित संसाधन होगा।

सरकार ने वर्ष 2015 में शहरी योजना के लिए फिर से मानक तय कर दिये हैं। इसके लिए 2015 में करीब 42,000 करोड़ रूपये के निवेश को मंजूरी भी दी गई। इसमें जलापूर्ति, मल निकासी नेटवर्क, तीव्र जल लाइनें, शहरी यातायात और खुली जगहों के मामले में बुनियादी ढांचों में सुधार के लिए 19,170 करोड़ रूपये का निवेश भी शामिल है। इस साल जून में शुरू हुए पुनर्सुधार और शहरी परिवर्तन संबंधी अटल मिशन ‘अमृत’ के अंतर्गत 18 राज्‍यों के 474 शहरी क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

22,000 करोड़ रूपये से ज्‍यादा निवेश के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) जैसे महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम के तहत 11 राज्‍यों के 227 शहरों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 4,25,000 घरों के निर्माण का लक्ष्‍य रखा गया है।

शहरी क्षेत्रों को आर्थिक विकास की उच्‍च दर के साथ ज्‍यादा असरदार तरीके से उभारने के अलावा इन क्षेत्रों को ज्‍यादा आवासीय बनाने की दिशा में सरकार ने शहरी योजना की तदर्थ सोच पर पूर्ण विराम लगा दिया है। इसके अतिरिक्‍त, सरकार द्वारा नये शहरी क्षेत्र संबंधी पहल के तहत इन्‍हें संसाधन भी आवंटित कर दिये गये हैं।

पांच साल के दौरान 50,000 करोड़ रूपये की केन्‍द्रीय सहायता को शहरी मंत्रालय और विभागों ने चुनिंदा शहरों के लिए आवंटित कर दिया है। इसे शहरी आबादी और अधिसूचित शहरी स्‍थानीय निकायों के साथ ही प्रत्‍येक राज्‍य में शहरी गरीबों को तथ्‍यपरक मानदंड बनाकर प्रस्‍तुत किया गया है। नये शहरी मिशनों के तहत इसे चयनात्‍मक मानदंड पर भी रखा जाएगा। नये पायदान की शुरूआत के लिए निचले स्‍तर पर नये शहरी मिशन के अंतर्गत परियोजनाओं की पहचान और विकास की परख करने वाले नागरिकों और दूसरे हितधारकों की सलाह लेना अनिवार्य कर दिया गया है।

अटल मिशन का लक्ष्‍य बुनियादी शहरी ढांचे में सुधार करना है। इस तरह बेहतर समाधान के तरीके अपनाकर और बुनियादी ढांचे की अहम कमियों को सामने लाकर रहन-सहन के स्‍तर को उन्‍नत करने वाले आधारित क्षेत्र चिन्ह्ति कर उनका विकास करना अटल मिशन का उद्देश्‍य है।

जेएनएनयूआरएम यानी शहरी विकास मिशन के दस साल के भीतर केन्‍द्र सरकार ने राज्‍यों और शहरी स्‍थानीय निकायों को 38,000 करोड़ रूपये उपलब्‍ध कराये। अमृत और स्‍मार्ट सिटी मिशन के तहत सरकार करीब 4,00,000 करोड़ रूपये राज्‍यों को देने के लिए कृतसंकल्‍प है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत शहरी गरीबों के लिए 2 करोड़ घरों के निर्माण का खर्च उपलब्‍ध कराया गया है।



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थ्आरो लाडलो

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